Counter Stats

Sunday, March 23, 2008

 

एक मुसलसल अजाब ले जाना

एक मुसलसल अजाब ले जाना
मेरी आंखों के ख्वाब ले जाना
फासिले जब फरेब देने लगें
कुर्बतों के सराब ले जाना
लौट आना कभी जो मुमकिन हो
और यादों के बाब ले जाना
इस से पहले के रुत बदल जाये
अपने सारे गुलाब ले जाना
तिश्नगी, आस, तीरगी “ज़हिद”
कोई तो इजतिराब ले जाना
ज़हिद मसूद


This page is powered by Blogger. Isn't yours?

Subscribe to Posts [Atom]

Adeeb

रूहेलखंड और बरेली के मशहूर शायरों और कवियों के चुनिंदा कलाम यहाँ पढें

नूरी किरण जूनियर बरेली

फोर्थ डायमेंशन
बरेली टीन वर्ल्ड

अदीब